Aadhunik Rajasthan Ka Itihas आखरी मजबूत मुगल बादशाह की मृत्यु से भारत की आजादी तक माना जाता है । सन 1707 से लेकर 1947 तक मुख्यतः होने वाले घटनाक्रमों में 1857 की क्रांति, किसान आंदोलन, जनजातीय आंदोलन, प्रजामंडल आंदोलन तथा राजस्थान का एकीकरण शामिल है । भारत में आने वाली युरोपियन कंपनियों का क्रम है –
- पुर्तगाली
- डच
- अंग्रेज
- फ्रेंच
इनमे से सबसे सफल अंग्रेज रहे । ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना सन 1599 में होती है । 31 दिसम्बर 1600 को इस कंपनी ने ब्रिटेन की महारानी से पूर्व के साथ व्यापार करने की अनुमति मांगी । कंपनी नें क्रमशः 1757 के प्लासी के युद्ध में बंगाल पर अधिकार कर लिया । 1764 के बक्सर के युद्ध में कंपनी नें बंगाल, अवध व मुगल शासक को पराजित कर दिया । 1765 की इलाहाबाद की संधि के तहत भारत पर कंपनी का अधिकार हो जाता है ।
सहायक संधि
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फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले को सहायक संधि का जनक माना जाता है । भारत में सहायक संधि को लोकप्रिय बनाने का श्रेय लॉर्ड वेलेजली को जाता है । सहायक संधि करने वाली भारत की प्रथम रियासतें क्रमशः हैदराबाद, मैसूर एवं तंजौर थी । राजपूताना के शासकों ने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि की क्योंकि उन्हे मराठों के आक्रमण से बचना था ।
Note:- राजपुतानें की प्रथम रियासत जिसनें कंपनी के साथ संधि की - भरतपुर कब - सितंबर 1803 में शासक - रणजीत सिंह
सहायक संधि की शर्ते – Aadhunik Rajasthan Ka Itihas
- प्रत्येक रियासत में एक अंग्रेजी सेना रखी जाएगी जिसका खर्च रियासत के शासकों के द्वारा वहन किया जाएगा।
- प्रत्येक रियासत में एक अंग्रेज रेज़िडेन्ट की नियुक्ति की जाएगी ।
- रियासतों के बाहरी अधिकार (युद्ध व संधि) कंपनी के पास सुरक्षित रहेंगे ।
1818 की संधियाँ
1818 की संधियों का प्रारूप चार्ल्स मेटकॉफ नें तैयार किया था तथा 1818 की संधियों के समय गवर्नर जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स थे ।
राजपुतानें की प्रथम रियासत जिसनें 1818 की संधि की – करौली
कब – नवंम्बर 1817 में
शासक – हरवक्षपाल सिंह
व्यापक रूप से संधि करने वाली रियासत – कोटा
कब – दिसम्बर 1817 में
शासक – उम्मेद सिंह
प्रशासक – झाला झालीम सिंह
अंतिम संधि करने वाली रियासत – सिरोही
कब – 1823 में
शासक – शिवसिंह
Note:- 1818 की संधि के तहत रेजीमेंट का नाम पोलिटिकल एजेंट कर दिया गया था ।
1857 की क्रांति
1857 की क्रांति के समय भारत की स्थिति
गवर्नर जनरल | लॉर्ड कैनिंग |
मुगल बादशाह | बहादुर शाह ज़फ़र |
ब्रिटेन का प्रधानमंत्री | लॉर्ड पामस्टर्न |
क्रांति का दिन | 31 मई 1857 |
क्रांति का प्रतीक | रोटी व कमल |
सर्वप्रथम विरोध | मंगल पांडे (बैरकपुर छावनी) |
विरोध का कारण | चर्बी वाले कारतूस |
सर्वप्रथम क्रांति | 10 मई 1857 (मेरठ छावनी) |
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1857 की क्रांति के समय राजस्थान की स्थिति
राजपूताना रेज़िडेन्सी
पोलिटिकल एजेंट पर नियंत्रण रखने के लिए 1832 में राजपूताना रेज़िडेन्सी की स्थापना की गई ।
राजपूताना रेज़िडेन्सी की स्थापना | 1832 में |
राजपूताना रेज़िडेन्सी का मुख्यालय | अजमेर में |
राजपूताना रेज़िडेन्सी का नया मुख्यालय | माउंट आबू, 1845 में |
प्रमुख अधिकारी | AGG (Agent of Governer General) |
प्रथम AGG | मिस्टर लॉकेट |
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में AGG | पेट्रीक लॉरेन्स |
1857 की क्रांति के समय राजस्थान के प्रमुख पॉलिटिकल एजेंट
मेवाड़ | शावर्स |
कोटा | बर्टन |
जयपुर | ईडन |
भरतपुर | मॉरिसन |
जौधपुर | मैक मोंसन |
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में प्रमुख सैनिक छावनियाँ
N | नसीराबाद (अजमेर) | – |
A | एरिनपुरा (पाली) | जौधपुर लिजीयन सेना |
K | खेरवाड़ा (उदयपुर) | मेवाड़ भील कौर |
B | ब्यावर (अजमेर) | मेर रेजीमेंट |
N | नीमच (मध्य-प्रदेश) | – |
D | देवली (टोंक) | – |
मेवाड़ भील कौर की स्थापना महाराणा शंभू सिंह नें सन 1841 मे तथा जौधपुर लिजीयन सेना की स्थापना सन 1835 में हुई ।
नोट:- 1857 के विद्रोह के समय राजस्थान में खेरवाड़ा व ब्यावर में विद्रोह नहीं हुआ था ।
1857 की क्रांति के समय राजपूताने के प्रमुख शासक
मेवाड़ – स्वरूपसिंह | झालावाड़ – पृथ्वी सिंह |
कोटा – रामसिंह 2 | टोंक – वजीरुदौला |
जयपुर – रामसिंह 2 | धौलपुर – भगवंत सिंह |
जौधपुर – तख्त सिंह | अलवर – विनयसिंह / बन्नेसिंह |
करौली – मदनपाल | बीकानेर – सरदार सिंह |
1857 की क्रांति के समय राजस्थान के प्रमुख सामंत
आउआ (पाली) – खुशाल सिंह | आलनियावास (मारवाड़) – अजित सिंह |
कोठारिया (राजसमंद) – जौधसिंह | आसोपा (मारवाड़) – शिवनाथ सिंह |
सलूम्बर (उदयपुर) – केसरीसिंह | गूलर (मारवाड़) – विशन सिंह |
बेदला (उदयपुर) – बख्तसिंह | पिपल्या (मारवाड़) – फूल सिंह |
भारत में सर्वप्रथम क्रांति - मेरठ में 10 मई 1857 को
ठीक 9 दिन बाद
19 मई 1857 को Agg पेट्रीक लॉरेन्स को क्रांति की सूचना मिलती है।
उसके ठीक 9 दिन बाद
28 मई 1857 को राजस्थान में सर्वप्रथम 1857 की क्रांति की शुरुआत नसीराबाद छावनी से होती है ।
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